कुछ शहरों में सुबह देर से होती है और देर तक अलसायी हुई बालकनी की धुप में बैठी रहती हैं |
कुछ शहरों में सुबह जल्दी से उठकर चाय की चुस्कियों के साथ अखबार पकड़ लेती है |
और शहरों जैसे बनारस में सुबह मुँह अँधेरे उठकर घाटों से होकर मंदिर का रास्ता पकड़ लेती है |
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